शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

जिंदगी.......

हर पल यहाँ जी भर जियो...........

मुझे बहोत गंभीर बीमारी है. मेरे मम्मी पापा क़ि मौत भी इसी बीमारी से हुई है. हो सकता है कुछ दिनों बाद मै भी इस दुनिया में न रहूँ. मै कब भगवान जी के पास चला जाऊंगा लेकिन मै जिन्दा रहना चाहता हूँ ताकि अपने जैसे लोगो क़ि मदद कर सकूँ.

ये शब्द है मात्र नौ साल के उस बच्चे के जो HIV पोजिटिव है. और वो अपनी उम्र से ज्यादा बड़ा हो गया है. एक दिसंबर को यह बच्चा अपने चाचा के साथ कानपुर मेडिकल कॉलेज में अपने बारे में बता कर लोगो को इस बीमारी से लड़ने के लिए मोटिवेट  कर रहा था. अमन नाम के इस बच्चे को याद भी नहीं के उसके पिता को कहाँ से और कैसे यह वायरस मिला और यह वायरस होता क्या है. पूछने पर उसने बताया क़ि उसके पापा को कोई गंभीर बीमारी थी जिसका इलाज संभव नहीं था. और यह बीमारी उनसे उसकी मम्मी को हुई और फिर उसे. उसने बताया क़ि वो बड़ा होकर गरीबों और असहाय लोगो के लिए कुछ करे. वो कहता है क़ि उसका यह सपना कभी पूरा नहीं हो सकता. क्योकि उसकी जिंदगी का कोई भरोसा नहीं. पूछने पर क़ि उसे दर नहीं लगता उसने कहा दर लगता था जब पापा के बाद मम्मी को भी भगवान् ने बुला लिया पर डॉक्टर अंकल ने सारा दर निकाल दिया.
ये बच्चा डोक्टोर्स के साथ मिलकर लोगो को मोटिवेट करता है. उसकी बातें सुनकर मेरी आँखों में आंसू आ गए पर उसकी बातों और चेहरे पर कहीं भी कोई शिकन नहीं थी............

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